हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "उसूले काफी" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیہ السلام
تَواصَلوا و تَبارُّوا و تَراحَموا و کُونُوا إخوَةً بَرَرَةً کَما أمَرَ کُمُ اللّه.
हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
एक दूसरे से जुड़े रहो, एक दूसरे से नेती करो, और मेहरबानी से पेश आओ, जिस तरह की अल्लाह ताला ने तुमको हुक्म दिया है कि यह एक दूसरे के अच्छे भाई बन कर रहो,
उसूले फाकी,भाग 2,पेंज 20